प्रोजेक्ट टाइगर (बाघ परियोजना)
By: Sabir Chdhry
प्रोजेक्ट टाइगर को जानने से पहले आइये पहले जानते हैं कुछ खास बातें टाइगर के बारे में
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टाइगर (बाघ)
टाइगर Cat species (Cat प्रजाति) का सबसे बड़ा सदस्य है, पिछले लगभग 150 वर्षों में टाइगर ने अपने प्राक्रतिक आवास का लगभग 90% भाग विभिन्न कारणों जैसे कृषि भूमि का विस्तार, मानवीय आवास विस्तार, मानव-पशु टकराव, शिकार, वनों का कटाव तथा युद्ध आदि के कारण खो दिया है| IUCN ( The International Union for Conservation of Nature) की रेड लिस्ट (Red List) में टाइगर को विलुप्ति की कगार (endangered) पर अंकित किया गया है|
- वर्ष 2015 की टाइगर सेन्सस के अनुसार विश्व भर में टाइगर की संख्या लगभग 3062 से 3948 आंकी गयी है|
- भारत में टाइगर की संख्या सर्वाधिक है |
- वर्ष 2000 से प्रत्येक सप्ताह लगभग दो टाइगर का शिकार हुआ है |
टाइगर को बचाना क्यों ज़रूरी है ?
टाइगर को बचाने का सीधा मतलब है जिस स्थान पर टाइगर रहता है उस स्थान को बचाना | एक स्वस्थ परितंत्र की कल्पना एक स्वस्थ बाघों की संख्या के बिना संभव नहीं है चूँकि टाइगर शाकाहारी जानवरों का शिकार करके उनकी संख्या को उस क्षेत्र में नियंत्रित रखता है, यदि किसी क्षेत्र में शाकाहारी जानवरों का शिकार करने वाले जानवरों की संख्या नहीं रहेगी तो उस क्षेत्र में शाकाहारी जानवरों की संख्या बेतहाशा बढ़ जाएगी, जो कि उस क्षेत्र परितंत्र के लिए नुकसानदायक होगा| शाकाहारी जानवर की बढ़ी संख्या नए उगे पेड़ों को नहीं बढ़ने देगी जो की समय के साथ उस जंगल के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा देगी|
एक बाघ का क्षेत्र लगभग 10,000 हेक्टेयर होता है, एक स्वस्थ जंगल से मानव को शुद्ध वायु, शुद्ध जल, भोजन तथा दवाई व जड़ी बूटी प्राप्त होती है| अतः बाघ की संख्या का वनों में नियंत्रित रूप से होना वनों, वन्य जीव तथा मानवों के लिए भी अत्यंत आवश्यक है|
प्रोजेक्ट टाइगर (बाघ परियोजना)
प्रोजेक्ट टाइगर का आरम्भ प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा नवम्बर 1973 में शुरू किया गया था| प्रोजेक्ट टाइगर का मुख्य उद्देश्य बाघों के प्राकृतिक परिवेश में उनकी संख्या को स्वस्थ मात्रा में रखना था|
प्रोजेक्ट टाइगर के उद्द्देश्य
- ऐसे कारकों को कम करना तथा भविष्य में समाप्त करना जिसके कारण बाघों के प्राकृतिक परिवेश में कमी आ रही है|
- ऐसे क्षेत्र जहाँ बाघ पायें जाते हैं तथा वहां बाघों के आवास को किसी प्रकार की क्षति हुई है, ऐसे क्षेत्रों में परितंत्र को सुदृण करना |
National Tiger Conservation Authority (NTCA) के अंतर्गत प्रोजेक्ट टाइगर आता है| वर्ष 1973 में टाइगर रिज़र्व की संख्या 9 थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 54 हो गयी |
Click to Subscribe JUNIOR GEOGRAPHER- वर्ष 2006 की टाइगर सेन्सस के अनुसार भारत में बाघों की संख्या 1411 थी |
- टाइगर प्रोजेक्ट का ही परिणाम था कि देश में वर्ष 2018 में बाघों के संख्या लगभग 2603 - 3346 हो गयी|
- 9 अप्रैल 2023 को प्रकाशित टाइगर सेन्सस में देश भर में बाघों की संख्या 3167 बतायी गयी |
- पिछले 20 वर्षों में बाघों के संख्या में लगभग दो गुनी वृद्धि हुई है |
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