आंकड़ों का स्रोत (Sources of Data)
By: Sabir Chdhry
आंकड़ों का स्रोत जानने से पहले आंकड़ा किसे कहते हैं ये जानना बहुत आवश्यक है|
आंकड़ों से तात्पर्य (Meaning of Data)
आंकड़ा कोई भी ऐसी जानकारी या सूचना होती है जो किसी सर्वेक्षण, अनुभव या किसी अन्य स्रोत से प्राप्त होती है| आंकड़ों को विभिन्न प्रकार से प्रदर्शित किया जाता है|आंकड़ों को अंकों के रूप में या किसी चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया जा सकता है| उदहारण के लिए, "B.A. प्रथम वर्ष में 40 छात्र तथा 50 छात्राएं हैं", इस उदाहरण में 40 तथा 50 अंकों के माध्यम से B.A. प्रथम वर्ष में विद्यार्थियों की संख्या के साथ साथ उक्त कक्षा में स्त्री विद्यार्थी तथा पुरुष विद्यार्थी की संख्या बतायी गयी है| इस प्रकार ये आंकड़ों के माध्यम से B.A. प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के बारे में सुचना प्राप्त होती है|
आइये अब सीखते है की हम आंकड़ों का अर्जन कैसे करते है या आंकड़ों के क्या क्या स्रोत है |
आंकड़ों के स्रोत
आंकड़ों को स्रोत के आधार पर मुख्यतः दो प्रकार से विभाजित किया किया जाता है
1. प्राथमिक आंकड़े (Primary Data) 2. द्वितीयक आंकड़े (Secondary Data)
आइये इनको जानते हैं
1. प्राथमिक आंकड़े (Primary Data)
प्राथमिक आंकड़ों से तात्पर्य उन आंकड़ों से है, जिनको कोई विद्यार्थी या शोधार्थी या कोई संस्था स्वयं एकत्रित करते हैं| इस प्रकार के आंकडें किसी विद्यार्थी या शोधार्थी या कोई संस्था द्वारा प्रथम बार एकत्रित किये जाते हैं तथा इन आंकड़ों का प्रकाशन किसी अन्य पुस्तक, समाचार पत्र या किसी अन्य माध्यम में नहीं हुआ होता है, इसी कारण इनको प्राथमिक आंकड़े कहा जाता है|
उदाहरण के लिए- अगर कोई शोधार्थी स्वयं घर-घर जाकर ये सर्वेक्षण करे की किसी नगर में कुल कितने R.O. वाटर फ़िल्टर (R.O. Water Filter) लगे हैं, इस प्रकार से एकत्र किये गए आंकड़े प्राथमिक आंकड़ों के अंतर्गत आयेंगे|
प्राथमिक आंकड़ों को एकत्रित करने के स्रोत
प्राथमिक आंकड़ों को निम्नलिखित प्रकार से एकत्रित किया जा सकता है
- व्यक्तिगत प्रेक्षण
- साक्षात्कार
- प्रश्नावली
- अनुसूची
- अन्य माध्यम
2. द्वितीयक आंकड़े (Secondary Data)
द्वितीयक आंकड़ों से तात्पर्य उन आंकड़ों से है, जिनको कोई विद्यार्थी या शोधार्थी या कोई संस्था स्वयं एकत्रित नहीं करते हैं बल्कि इस प्रकार के आंकडें पहले से ही किसी प्रकाशित या अप्रकाशित तथा सरकारी या गैर सरकारी स्रोतों में दर्ज या अंकित होते है| ये आंकड़े किसी अन्य व्यक्ति या संस्था या शोधार्थी द्वारा एकत्रित करके प्रकाशित किये गए होते हैं तथा अन्य दुसरे व्यक्ति या शोधार्थी अपनी सुविधा के अनुसार इनको प्रयोग में लाते हैं |
उदाहरण के लिए- अगर कोई शोधार्थी किसी प्रकाशित पुस्तक या समाचार पत्र के माध्यम से ये जानकारी एकत्र करता है कि किसी नगर में घरों में कुल कितने R.O. वाटर फ़िल्टर (R.O. Water Filter) लगे हैं, इस प्रकार से एकत्र किये गए आंकड़े द्वितीयक आंकड़ों के अंतर्गत आयेंगे, चूँकि यहाँ शोधार्थी या विद्यार्थी के द्वारा बिना उस नगर में घर-घर जाये बिना आंकड़ों का संकलन नहीं किया गया है बल्कि किसी अन्य प्रकाशित स्रोत के माध्यम से आंकड़े प्राप्त किये गये है|
द्वितीयक आंकड़ों को एकत्रित करने के स्रोत
द्वितीयक आंकड़ों को निम्नलिखित प्रकार से एकत्रित किया जा सकता है
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन
- सरकारी प्रकाशन
- निजी प्रकाशन
- पत्रिकाएँ
- सरकारी अभिलेख
- निजी अभिलेख
- समाचार पत्र
- वेबसाइट
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