गंगा एक्शन प्लान (Ganga Action Plan)
By: Sabir Chdhry
गंगा एक्शन प्लान को समझने से पहले चलिए पहले पढ़ते हैं कुछ महत्वपूर्ण तथ्य गंगा नदी के बारे में
गंगा नदी
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित देवप्रयाग नामक नगर के पास अलकनंदा तथा भागीरथी नदी का संगम होता है, इस संगम के पश्चात् नयी बनी संयुक्त नदी को ही हम गंगा नदी के नाम से जानते हैं| गंगा नदी द्वारा निर्मित नदी बेसिन में इंडिया की लगभग 40 % जनसंख्या निवास करती है | गंगा नदी अपने स्रोत से बंगाल की खाड़ी में स्थित अपने मुहाने तक लगभग 2525 किलोमीटर तक प्रवाहित होती है, इस प्रवाह के दौरान गंगा नदी मार्ग में पड़ने वाले बड़े नगरों का सीवर की गंदगी, फेक्टरियों का अपशिष्ट कचरा या मलबा तथा अन्य स्रोतों से आने वाली समस्त गंदगी गंगा नदी में आकर गिरती है| इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने गंगा एक्शन प्लान का आरम्भ किया था|
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गंगा एक्शन प्लान 1 के उद्देश्य
जब गंगा एक्शन प्लान 1 (गैप) की शुरुआत जून, 1985 में की गयी थी तो इसका मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के किनारे स्थित नगरो द्वारा गंगा नदी में प्रवाहित होने वाले प्रदूषित मलबे को रोककर गंगा नदी के जल को स्वीकार्य मानकों तक लाना था| जून 1987 में मोनिटरिंग कमेटी के मीटिंग में ये निर्णय लिया गया की गैप के अंतर्गत गंगा नदी के जल की गुणवत्ता को नहाने लायक जल की श्रेणी में लाया जायेगा| इस मीटिंग में निम्नलिखित लक्ष्य रखे गए
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- Bio-Chemical Oxygen Demand (BOD) 3 Mg/L Maximum
- Dissolved Oxygen (DO) 5 Mg/L Minimum
- Total Coliform 10,000 Per 100 ML
- Faecal Coliform 2500 Per 100 ML
- उत्तर प्रदेश के नगर- हरिद्वार, ऋषिकेश, फरीदाबाद, फतेहगढ़, इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी तथा मिर्ज़ापुर
- बिहार के नगर - छपरा, भागलपुर, मुंगेर तथा पटना
- पश्चिम बंगाल के नगर- बहरमपुर, नाबाद्विप, हुगली चिनसुरा, चन्दन नगर, सेरामपुर, बाल्ली, कल्याणी, भाटपारा, टीटागढ़, पानिहाती, हावड़ा, कलकत्ता, बारानगर, कमरहटी तथा नयहटी
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